‘टीनएज’ उमर के इस पड़ाव में बहुत सारे बदलाव आते हैं. कभी आपने यह सोचा है कि 13-14 साल की उमर में अचानक हम अपनी लुक्स के बारे में ज़्यादा सचेत हो जाते हैं. हमें अपने आप में बहुत सी कमियां नज़र आने लगती हैं. कुछ लोग अपने नाक नक्श को लेकर खुश नहीं होते, कुछ अपने बालों के बारे में सोच कर परेशान रहते है.. उन्हें लगता है अगर बाल टीवी ऐड में दिखाई जाने वाली मॉडल जैसे सिल्की न हों और चलते वक़्त लहराएँ नहीं तो बाल बेकार लगते हैं. बहुत सी लड़कियां और लड़के भी अपने रंग रूप में हज़ार कमियां निकालने लगते हैं.
ऐसा क्यों होता है?
इसका सबसे बड़ा कारण
टीवी पर दिखाए जाने वाले इश्तेहार हैं जो यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि
सुन्दरता का मतलब है ... बहुत ज़्यादा गोरा रंग और बहुत ज़्यादा पतला होना... कभी-कभी
तो सोसाइटी भी टीनएज गर्ल्स और बॉयज का आत्मविश्वास बढ़ाने की बजाए उनकी लुक्स के
बारें में कमेंट करने से नहीं चुकती. किसी का भी बुरा कमेंट या नज़रिया आपकी
सुन्दरता को कम नहीं कर सकता.
किशोरावस्था में
होर्मोनल बदलाव आते है. लड़कियों में
एस्ट्रोजन और प्रोजेसटेरोन की मात्रा बढ़ती है. इस फेज़ में बहुत से शारीरिक और
इमोशनल बदलाव आते हैं. अक्सर इस उमर में गुस्सा ज़्यादा आता है जिस कारण कई बार
छोटी-छोटी बात पर चिलाना, गुस्से में दरवाज़ा ज़ोर से बंद करना या चीज़ें फेंकना एक
आदत बन जाती है. इस उमर में इमोशनल रीज़न की वजह से खानपान को लेकर भी लापरवाही
बरती जाती है. सबसे पहले अपने भीतर होने वाले बदलाव को एक्सेप्ट करें और फिर सही
दिशा में क़दम बढ़ाएं. किशोर अवस्था में खेलकूद में हिस्सा लेना और एक्टिव रहना बहुत
ज़रूरी है. आपको जो भी करना पसंद हो उसे करें चाहे वो डांस हो या कोई और आर्ट
फॉर्म. ऐसा करने से आपको गुस्सा कम आयेगा और आपके अन्दर की प्रतिभा भी निखरेगी.
अपनी प्रतिभा खोज निकालने का यह सबसे बेहतरीन समय है.
किशोरावस्था (teenage)
में सही डाइट:
ब्रेकफास्ट कभी मिस न
करें. ब्रेकफास्ट में लो-फैट मिल्क और पैकेट वाले खाने की बजाए घर पर बना हुआ खाना
खाएं. पैकेट वाले कॉर्नफ़्लेक्स या लो फैट मिल्क पीने से कोई पोषण नहीं मिलता जिसके
कारण पूरा दिन थकावट महसूस होती है और कई बार पोषण की कमी के कारण आपका मन चोकलेट
या केक खाने को करता है. पैकेट वाले खाने में कुई तरह के preservative होते हैं जो
आंत (intestine) को कमज़ोर कर सकते हैं जिसके कारण खाना अच्छे से पचता नहीं और शरीर
को ज़रूरी पोषण नहीं मिल पाता..
हर दो घंटे में कुछ
खाते रहें. अगर अपने 8 बजे ब्रेकफास्ट किया है तो 10 बजे एक फ्रूट खाएं. फिर 12 बजे छास या दही खा सकते
है. इसी तरह दिन भर डिनर तक करें.
ऐसा करने से बॉडी को
ज़रूरी पोषण मिलेगा आप फिट रहेंगे और वज़न भी नहीं बढ़ता.
ध्यान रहे हर दो घंटे
में कुछ हेल्दी खाएं न की आइसक्रीम, चिप्स, केक यां जंक फ़ूड.
अपनी डाइट में फ़ल सब्जियां ज़्यादा खाएं.
शरीर में विटामिन और कैल्शियम की ज़रुरत होती है इसलिए ढूध, दही, चीज़, अंडे ज़रूर खाएं.
शरीर में विटामिन और कैल्शियम की ज़रुरत होती है इसलिए ढूध, दही, चीज़, अंडे ज़रूर खाएं.
आयरन
रिच फ़ूड खाएं जैसे बीन्स, लीवर, पालक, आलू, सी फ़ूड, दाल, ड्राई फ्रूट्स,
स्ट्रॉबेरी, किशमिश, चुकंदर, ब्राउन राइस, हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब आदि. इस उमर
में पीरियड्स की शुरुआत होती है इसलिए आयरन की कमी हो जाती है इसलिए अपना ख़ास
ख्याल रखें और आयरन रिच फ़ूड खाएं.
बहुत
बार हम इस गलत धारना को मान लेते हैं की अगर वज़न ज़्यादा है तो फैट बिलकुल नहीं
खाना चाहिए. बॉडी को फैटस की ज़रुरत होती है. फैटस खाने का मतलब तली चीज़े खाना नहीं
है बल्कि हेल्दी फट्स खाना है. अपनी डाइट में देसी घी ज़रूर शामिल कीजिए.
बॉडी में फ्लुइड्स की बहुत ज़रुरत होती है इसलिए दिन भर पानी पीते रहें और aerated ड्रिंक न पिएं.
आजकल बाहर
से खाना या फिर कैंटीन में खाना कूल माना जाता है. कभी-कभी कैंटीन से खाने में कोई
प्रॉब्लम नहीं है पर हर रोज़ कैंटीन से खाने में एक प्रॉब्लम ज़रूर है. इससे स्किन
और सेहत दोनों पर असर होता है. जब आपकी स्किन ग्लो करेगी और फिटनेस अच्छी होगी तो
वो ज़्यादा कूल दिखेगा इसलिए कैंटीन से खाने की बजाए घर से खाना ले जाएँ.
लेट नाईट जागना मज़ेदार लगता है. फेसबुक, whatsapp और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के चक्कर में देर रात तक जागना भी काफ़ी कूल लगता है. पर जब यह आदत बन जाती है तो हर रोज़ ऐसा करने से आँखों के नीचे डार्क सर्कल्स और लो एनर्जी जैसी समस्या होती है. अच्छी नींद लेने से आप फ्रेश रहेंगे और स्किन भी अच्छी दिखेगी.
ज़िन्दगी का यह बहुत
ख़ूबसूरत फेज़ है इसे भरपूर एन्जॉय कीजिए. अच्छा खाएं, खुश रहें और खुद से प्यार
करें...
टीनएज में सही खानपान... DIET TIPS FOR TEENAGERS...
Reviewed by Sajna Savarnaa
on
June 22, 2017
Rating:
Reviewed by Sajna Savarnaa
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June 22, 2017
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